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“राम नवमी 2025: पूरे देश में आध्यात्मिक श्रद्धा और उत्साहपूर्ण उत्सव का दिन”

आज देश के विभिन्न भागों में धार्मिक उत्साह और उमंग के साथ राम नवमी मनाई जा रही है। यह त्यौहार भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म का प्रतीक है। चैत्र महीने के नौवें दिन राम नवमी मनाई जाती है। राम नवमी से पहले, हिंदू त्योहार से पहले नौ दिनों (नवरात्रि) तक उपवास रखते हैं।रामनगरी में जन्मोत्सव की खुशी है। उत्सव मनाने के लिए अयोध्यावासी ही नहीं अपितु सकल प्रदेश और देशवासी उत्सुक हैं। रविवार को सुबह से राम मंदिर परिसर में विविध कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। दोपहर में ठीक 12 बजे भगवान सूर्य ने रामलला के ललाट पर तिलक किया। इस मौके का साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। आने वाले भक्तों पर ड्रोन से सरयू के पवित्र जल की फुहारों से बारिश कराई गई। रामनगरी में भक्तों की कतारें लगी हैं।

अयोध्या मंदिर के अंदर का माहौल भक्ति और प्रत्याशा से भरा हुआ है क्योंकि लोग लंबी कतारों में खड़े हैं, “जय श्री राम” का नारा लगा रहे हैं और भजन गा रहे हैं। सूर्य तिलक न केवल एक आध्यात्मिक क्षण है, बल्कि एक उल्लेखनीय वैज्ञानिक उपलब्धि भी है, जो इस दिन सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह से संरेखित करने वाले दर्पण और लेंस की सावधानीपूर्वक डिज़ाइन की गई प्रणाली के माध्यम से संभव हुआ है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर न केवल भगवान राम को समर्पित है, बल्कि उनके जीवन और रामायण से जुड़े कई पूजनीय व्यक्तियों के मंदिर भी हैं। मंदिर परिसर के भीतर, भक्त महान ऋषियों और दिव्य व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं जिन्होंने राम की यात्रा और विरासत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें रामायण की रचना करने वाले ऋषि महर्षि वाल्मीकि और रघु वंश के राजगुरु महर्षि वशिष्ठ को समर्पित मंदिर हैं। मंदिर में महर्षि विश्वामित्र का भी सम्मान किया जाता हैI निषाद राज का एक मंदिर भी है, जो आदिवासी समुदाय के राजा थे। सूर्य देव, सूर्यवंश (राम के वंश) के कुलदेवता, भगवान शंकर, भगवान गणपति और देवी अहिल्या, जिन्हें भगवान राम ने श्राप से मुक्ति दिलाई थी, को समर्पित मंदिर भी इस परिसर का हिस्सा हैं, जो मंदिर के गहन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं।

अयोध्या में राम मंदिर इस उत्सव का केंद्र है, लेकिन राम नवमी का उत्सव दूरगामी है और इसे भारत के हर कोने में मनाया जाता है, हालांकि अलग-अलग रूपों और परंपराओं में, इस उत्सव की विशेषता धार्मिक अनुष्ठानों, सामुदायिक समारोहों और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का संयोजन है जो देश की विविधता को दर्शाता है। भारत का प्रत्येक क्षेत्र राम नवमी के उत्सव में अपना अनूठा स्वाद जोड़ता है, जिससे आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक गौरव की एक सुंदर तस्वीर बनती है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रामनवमी की शुभकामनाएं दीं और इस अवसर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह त्योहार धर्म, न्याय और कर्तव्य-चेतना का संदेश देता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भगवान राम ने मानव जाति के लिए त्याग, प्रतिबद्धता, सद्भाव और वीरता के सर्वोच्च आदर्श प्रस्तुत किए।पीएम मोदी ने भी रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए देशवासियों के जीवन में नए उत्साह की कामना की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “सभी देशवासियों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान श्री राम के जन्मोत्सव का यह पावन और पवित्र अवसर आप सभी के जीवन में नई चेतना और नया उत्साह लेकर आए तथा एक सशक्त, समृद्ध और समर्थ भारत के संकल्प को निरंतर नई ऊर्जा प्रदान करे। जय श्री राम!”
रिपोर्ट :– अभिनव गुप्ता

 

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