
भारत की सुनीता विलियम्स का वनवास हुआ ख़तम, भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं, इनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी हैं, उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पे पानी में उतरा,
सुनीता विलियम्स की सकुशल वापसी पे प्रधानमंत्री मोदी ने सुनीता को पत्र लिखा – मैं आपको भारत के लोगों की ओर से शुभकामनाएं देता हूं। आज एक कार्यक्रम में मैं प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से मिला। हमारी बातचीत के दौरान, आपका नाम आया और हमने चर्चा की कि हमें आप और आपके काम पर कितना गर्व है। इस बातचीत के बाद, मैं खुद को आपको पत्र लिखने से नहीं रोक पाया। जब मैं अमेरिका की अपनी यात्राओं के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप या पूर्व राष्ट्रपति बाइडन से मिला, तो मैंने आपके बारे में पूछा। 140 करोड़ भारतीयों ने हमेशा आपकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व किया है। हाल के घटनाक्रमों ने एक बार फिर आपके प्रेरणादायक धैर्य और दृढ़ता को प्रदर्शित किया है।
सुनीता विलियम्स पिछले 9 महीने से नासा के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फसी हुई थी सुनीता विलियम्स के साथ बुच विल्मोर भी थे, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 6 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपना मिशन शुरू किया था, तभी से दोनों एस्ट्रोनॉट नासा के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पे फसे हुई थे, जिनकी घर वापसी के लिए नासा द्वारा पिछले 9 महीनो में काफी प्रयास किये गए, जिसके बाद 2025 में एलन मस्क के साथ NASA के स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन’को मंजूरी मिली,
इसके बाद नासा के चार एस्ट्रोनॉट रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक पहुंचे. इनमें से दो अंतरिक्ष यात्री नासा से और दो जापान की स्पेस एजेंसी के हैं, आईएसएस पे पहुंचने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने वहां आए सभी अंतरिक्ष यात्रियों को गले लगाया, इस खास मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हुई,
स्थानीय समय के अनुसार शुक्रवार को टेक्सास से लॉन्च किया गया स्पेस कैप्सूल शनिवार को 12:05 बजे ईएसटी (भारतीय समयानुसार रात के 9:35 बजे) पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचा, स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल को पृथ्वी से आईएसएस तक की यात्रा करने में लगभग 28.5 घंटे का समय लगा,
इनमे से 2 एस्ट्रोनॉट वही स्पेस स्टेशन पे रुक गए और बाकि के 2 एस्ट्रोनॉट के साथ विलियम्स और बुच विल्मोर मंगलवार (18 मार्च) को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती के लिए रवाना हुए थे, उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ, स्पेसक्राफ्ट के धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने पर इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस हो गया था। इस दौरान करीब 7 मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा, लेकिन 7 मिनट बाद वापस कम्युनिकेशन कंनेक्ट हो गया, स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में विलियम्स और बुच विल्मोर को 17 घंटे लगे।