
रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अमेरिका के पॉडकास्टर और कंम्प्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट प्रसारित हुआ, इसमें वैश्विक राजनीति, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, भारत की विकास यात्रा और पाकिस्तान के मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई, यह पॉडकास्ट लगभग 3 घंटे तक चला, यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला पॉडकास्ट है, ट्रेलर में कामथ कहते हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने बैठकर नर्वस महसूस कर रहे हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इतने प्रभावित हुए हैं कि उन्होंने पीएम मोदी के पॉडकास्ट का लिंक अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया, पीएम मोदी ने ट्रंप के साथ अपने आपसे सम्बन्धो के बारे में बात की, उन्होंने ट्रंप की “विनम्रता” की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अपने पहले कार्यकाल की तुलना में दूसरे कार्यकाल के लिए कहीं अधिक तैयार दिखाई दिए है, पीएम मोदी ने कहा की ट्रंप “गोली लगने के बाद भी, वह अमेरिका के लिए अडिग रहे जो देश क प्रति उनकी भावना को दर्शाता है,
इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने बचपन के दिनों, पिता की चाय की दुकान पर बैठनें के अनुभव से लेकर संघ से जुड़ाव और सार्वजनिक जीवन के तमाम किस्सों पर बात की, पीएम मोदी ने कहा नकारात्मकता मेरे सॉफ्टवेयर में नहीं मैं स्वभाव से ही बहुत आशावादी व्यक्ति हूं, मेरी ताकत मोदी नहीं, 140 करोड़ देशवासी हैं, मैं दुनिया के किसी नेता से हाथ मिलाता हूं तो मोदी हाथ नहीं मिलता 140 करोड़ लोगों का हाथ होता है, ये सामर्थय मोदी का नहीं भारत का है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके साथ अपने जुड़ाव पर भी बात की, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार और मूल्य सीखने का मौका मिला, संघ से मुझे उद्देश्यपूर्ण जीवन मिला, साथ ही जोड़ा, संघ को समझना आसान नहीं है, उसके काम को समझने का प्रयास करना होगा, प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएसएस इस साल 100 साल पूरे कर रहा है, इससे बड़ा कोई स्वयंसेवी संघ दुनिया में नहीं है, राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका अहम् है,
आतंकवाद के मुद्दे पर मोदी ने कहा की पाकिस्तान ने शांति को बढ़ावा देने के हर प्रयास पर विश्वासघात किया है, लेकिन अब उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए पाकिस्तान के नेतृत्व को समझदारी दिखानी होगी, पीएम मोदी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत तटस्थ नहीं बल्कि शांति के लिए मजबूती से प्रतिबद्ध है, भारत महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध की भूमि है, भारत शांति के बारे में जो बोलता है, दुनिया उसे सुनती है, पाकिस्तान के लोग शांति चाहते हैं, वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहने से थक गए है
प्रधानमंत्री ने आगे पॉडकास्ट में कहा कि दुनिया एआई के लिए कुछ भी कर ले लेकिन भारत के बिना एआई अधूरा है, मेरा मानना है कि एआई विकास मूलत: एक सहयोग है, इसमें शामिल सभी लोग साझा अनुभवों और सीख के जरिये एक-दूसरे का समर्थन करते हैं, भारत सिर्फ इसका मॉडल नहीं बना रहा, बल्कि इसके विशेष उपयोग के मामलों के हिसाब से एआई आधारित एप्लिकेशन को भी विकसित कर रहा है, मोदी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता शक्तिशाली है लेकिन यह कभी भी मानव कल्पना की गहराई से मेल नहीं खा सकता है।
पूरा पॉडकास्ट देखने के लिए वीडियो पे क्लिक करे