
नई दिल्ली, 13 अप्रैल 2025 – टेक्निया इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज़ मे जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक फिल्म फेस्टिवल “फिल्म फिएस्टा 2025” का भव्य आयोजन 12 अप्रैल को संस्थान परिसर में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की रचनात्मकता और फिल्म निर्माण कौशल को प्रोत्साहित करना रहा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. दुर्गेश त्रिपाठी, डीन, यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मास कंमुनिकेशं (USMC), गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, ने शिरकत की और विद्यार्थियों को फिल्म और मीडिया के बदलते परिदृश्य पर अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए।
कार्यक्रम के जज के रूप में डॉ. सचिन भारती, एसोसिएट प्रोफेसर, USMC, GGSIPU, उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों का मूल्यांकन करते हुए उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस फेस्टिवल में कुल 18 प्रविष्टियों का चयन किया गया था, जिसमें छात्रों ने विभिन्न सामाजिक, रचनात्मक और तकनीकी विषयों पर फिल्में प्रस्तुत कीं।
विजेताओं में प्रमुख नाम रहे:
प्रथम स्थान – अक़ीदत, ज़खीर हुसैन, दिल्ली यूनिवर्सिटी
दूसरा स्थान – ऑटो – महल, 35 एम एम, विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल् स्टडीज़
तीसरा स्थान – धृतराष्ट्र, जिमस् ग्रेटर नॉएडा
इस आयोजन का सफल संचालन द्यान्शी शर्मा, प्रज्ञान्श तिवारी, दीपिका पंचाल, अंशिका और अनमोल अभिचंदानी द्वारा किया गया। इन सभी ने अपने उत्कृष्ट समन्वय से कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम संयोजक श्री मयंक अरोड़ा के नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह महोत्सव अपने उद्देश्यों में पूरी तरह सफल रहा।
टेक्निया इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज (TIAS) एक प्रमुख संस्था है, जिसे गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त है, जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने और रचनात्मक प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
इस मौके पर कॉलेज के चेयरमैन डॉ. राम कैलाश गुप्ता, वाइस चेयरपर्सन श्रीमती संध्यां बिंदल, कॉलेज निदेशक डॉ. अजय कुमार एवं डीन अकैडमिक्स डॉ. एम. एन. झा एवं बीजेएमसी विभागाध्यक्षगण डॉ. गोपाल ठाकुर,डॉ. शिवेंदु राय की गरिमामयी उपस्थिति भी रही, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया। सभी विशिष्ट अतिथियों का कार्यक्रम में सम्मान भी किया गया।
फिल्म फिएस्टा 2025 एक प्रेरणास्पद मंच के रूप में उभरा, जिसने नवोदित फिल्मकारों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने का सशक्त अवसर प्रदान किया।