रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जम्मू-कश्मीर का दौरे पर हैं। रक्षा मंत्री श्रीनगर पहुंचे हैं। उनके साथ एलजी मनोज सिन्हा भी मौजूद हैं। उन्होंने सेना के अधिकारियों व जवानों से मुलाकात की। रक्षा मंत्री घाटी में सेना की कमान संभालने वाली चिनार कॉर्प्स के मुख्यालय पहुंचे हैं। सेना के कमांडर उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में अवगत कराया। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह राजनाथ सिंह का पहला जम्मू-कश्मीर दौरा है।
जहां उन्होंने सेना के अधिकारियों व जवानों से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए उनकी पीठ थपथपाई।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचकर वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया था।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। जिसमें कई कुख्यात आतंकी भी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात बिगड़े और दो दशक बाद चरम पर पहुंच गए। वहीं पाकिस्तान की तरफ से भारत के शहरों को निशाना बनाए जाने के बाद, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को नाकाम करते हुए उसका माकूल जवाब दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिए। इससे घबराए पाकिस्तान ने 10 मई को भारत के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों देशों ने आपसी चर्चा के बाद लागू कर लिया।
बादामी बाग छावनी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ऐसी विपरीत परिस्थितियों के बीच आपके बीच आकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में #ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आप सभी ने जो कुछ भी किया, उस पर पूरे देश को गर्व है। आपका रक्षा मंत्री होने से पहले मैं एक भारतीय नागरिक हूं। रक्षा मंत्री होने के अलावा मैं एक भारतीय नागरिक के तौर पर आपका आभार व्यक्त करने आया हूं।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि हमें अपनी सेना पर गर्व है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद पर बड़ी कार्रवाई है। पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। हम आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया, मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी सलाम करता हूं। मैं यहां उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं, जिसने दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया। जिस तरह से आपने सीमा पार पाकिस्तानी चौकियों और बंकरों को नष्ट किया, मुझे लगता है कि दुश्मन इसे कभी नहीं भूल पाएंगे।’
उन्होंने जवानों से मुलाकात करने के बाद कहा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा. यदि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह और उसे समर्थन देना बंद नहीं किया तो यह (ऑपरेशन सिंदूर) चलता रहेगा. उन्होंने शहीद जवानों और पहलगाम के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी दी है.
रिपोर्ट : अजित चौबे / विनय चतुर्वेदी