
अब आधार कार्ड से लिंक होगा मतदाता पहचान पत्र, मंगलवार को हुई मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में इस फैसले पे मोहर लगी, नई दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया की मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के आधार पर ही किया जा रहा है, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 के मुताबिक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मौजूदा या भावी मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या प्रदान करने की मांग कर सकते है, यह कानून मतदाता सूची को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति भी देता है,
ये पहली बार नहीं हुआ है जब आयोग की तरफ से ऐसा फैसला लिया गया हो, इससे पहले भी 2015 में आयोग की तरफ से आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से लिंक करने की मुहीम चलाई गयी थी, 2015 में राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण कार्यक्रम के तहत लगभग 30 करोड़ वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा गया था, तब आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के करीब 55 लाख लोगों के नाम छंटने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मुहीम पर रोक लगा दी थी,
इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ जल्द ही आगे की चर्चा करेंगे, जिससे ये काम जल्दी से जल्दी सुरु किया जा सके, मतदाता पहचान पत्र के आधार कार्ड से जुड़ जाने से न सिर्फ फर्जी मतदाताओं की पहचान होगी, बल्कि भविष्य में फर्जी मतदान पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।