
देश की राजधानी दिल्ली की विधानसभा नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाली 28वीं विधानसभा बनने जा रही है, अभी तक पेपरलेस प्रणाली पर कार्य करने वाली ओड़िशा की विधानसभा है, अब ओड़िशा के बाद दिल्ली की विधानसभा भी पेपरलेस प्रणाली पर कार्य करने की ओर बढ़ रही है, दिल्ली विधानसभा में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन इंस्टाल करने की तैयरियां शुरु हो गई हैं, इसके तहत संसदीय कार्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए है, नई दिल्ली में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की उपस्थिति में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन-नेवा के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए,
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि- देश अब डिजिटल युग की तरफ बढ़ रहा है इस बदलाव के साथ साथ हमें भी बदलना चाहिए जिसके तहत दिल्ली की विधानसभा कागज रहित करने की जरुरत है, जिसके लिए तयारिया सुरु कर दी गई है और 100 दिनों के अंदर राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन के जरिये दिल्ली की विधानसभा पेपर लेस हो जाएगी जिससे कागजी काम में लगने वाला समय बचेगा और पेपर कम इस्तेमाल होने से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी,
विधानसभा का डिजिटलाइजेसन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “वन इंडिया, वन एप्लिकेशन” तहत किया जा रहा है जो सभी विधानसभाओं में डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देगा, जिससे कार्यों की सुगमता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी, इसे विधानसभा के मानसून सत्र से पहले सुरु कर दिया जाएगा, इसके लिए मंगलवार को दिल्ली विधानसभा का एक डेलिगेशन ओड़िशा विधानसभा की सफल पेपरलेस प्रणाली का जायजा लेने गया है, इस डेलिगेशन में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता और उपाध्यक्ष मोहन सिंह विष्ट समेत परियोजना से जुड़े अधिकारी शामिल हैं, ओड़िशा में हाल ही में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन की शुरुआत की गई है, जिसके बाद वहां की विधानसभा की कार्यप्रणाली पूरी तरह से पेपरलेस हो गई ह।